Description
चतुर्मुख रस के फायदे:-
यह एंटीएजिंग है।
इसके सेवन से चेहरे पर से झुर्रियाँ और उम्र के अन्य लक्षण कम होते हैं।
यह दवा शरीर को पोषण देती है।
इसके सेवन से शरीर की शक्ति बढ़ जाती है।
यह सभी तरह के स्नायु (नसें या तंत्रिकाएं) रोगों nervous diseases में लाभप्रद है।
यह अम्लपित्त में लाभप्रद है।
इसका सेवन फेफड़ों की तपेदिक (TB or tuberculosis) को दूर करता है।
यह तपेदिक के कारण होने वाले उपद्रवों को शांत करता है।
यह तिपेदिक की सभी अवस्थायों में लाभप्रद है।
यह पांडु को दूर करने वाली औषध है।
यह प्रमेह रोगों, भ्रम, मूर्छा, अपस्मार, उन्माद सभी में लाभप्रद है।
चतुर्मुख रस के चिकित्सीय उपयोग
मानसिक रोग जैसे मिर्गी, पागलपन, मूर्छा swoons, insanity, epilepsy
ध्यान की कमी Lack of concentration
स्मृति की दिक्कतें Sluggish memory
वृद्धावस्था का मनोभ्रंमें भूलने की बिमारी शSenile dementia
बवासीर piles
गोनोरिया / सूजाक gonorrhea
शूल colic pain
अस्थमा, कफ asthma, cough
भूख न लगना loss of appetite
तपेदिक tuberculosis
खून की कमी low haemoglobin level
तंत्रिका तंत्र और व्यवहार मरण गड़बड़ी Neurological and behavioural disturbances
स्नायु दुर्बलता Nervous debility
नींद न आना / इनसोम्निया Insomnia
चतुर्मुख रस की सेवन विधि और मात्रा
1-2 रत्ती / 125mg-250mg दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
इसे शहद और पिप्पली चूर्ण अथवा शहद और त्रिफला के पानी, के साथ लें।
इसे भोजन करने के बाद लें।
या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
Additional information
Weight | 0.250 kg |
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