Description
पत्रांगासव के फ़ायदे
यह पाचक है।
यह खून से गंदगी हटाता है blood purifier है।
इसका एसट्रिनजेंट astringent गुण ब्लीडिंग डिसऑर्डर में लाभकारी है।
इसके सेवन से रोजोविकर/मासिक धर्म menstrual disorders के विकारों में लाभ होता है।
यह एक गर्भाशय का टॉनिक uterine tonic है और गर्भाशय को बल देता है।
यह इनफर्टिलिटी infertility में भी लाभप्रद है।
इसके सेवन से पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से राहत होती है।
पत्रांगासव के चिकित्सीय उपयोग
स्त्रियों के प्रदर रोग (श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर)
मासिक धर्म रोग जैसे की बहुत अधिक स्राव, अनियमित स्राव, दर्द आदि
श्वेतप्रदर / सफ़ेद पानी की समस्या /योनि से सफ़ेद पानी जाना
पत्रांगासव की सेवन विधि और मात्रा
यह आयुर्वेद का अरिष्ट है और इसे लेने की मात्रा 12-24 मिलीलीटर है।
दवा को पानी की बराबर मात्रा के साथ-साथ मिलाकर लेना चाहिए।
इसे सुबह नाश्ते के बाद और रात्रि के भोजन करने के बाद लें।
इसे भोजन के 30 मिनट में बाद, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
इस दवा को 1-2 महीने तक लें।
या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें। कुछ मामलों में इसे दिन में तीन बार भी लिया जाता है। लिकोरिया में इसे २ सप्ताह तक दिन में तीन बार लें।
Additional information
Weight | 0.500 kg |
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