Description
- अच्छी नींद के लिए सभी के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। अगर नींद पूरी नहीं होती है, तो न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक समस्याएं भी होने लगती है। ऐसे में अगर सफेद मूसली (Chlorophytum borivilianum) के साथ कौंच (Velvet beans) का सेवन किया जाए, तो अनिद्रा की समस्या से राहत मिल सकती है
- पार्किंसंस के लिए पर्किंसंस के लिए भी बहुत असरदार है। पर्किंसंस तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जिसमें मरीज को कंपकंपी, शरीर में दर्द व चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है। हालांकि, यह बीमारी उम्र बढ़ने पर होती है, लेकिन कभी-कभी यह कम उम्र के व्यक्ति को भी हो सकती है। इस स्थिति में कौंच अच्छा विकल्प है। इसमें एंटी-पार्किंसंस गुण मौजूद हैं, क्योंकि इसमें एल-डोपा (L-dopa) नामक एमिनो एसिड मौजूद
होता है। इससे पार्किंसंस की समस्या पर काफी प्रभाव पड़ सकता है - एकाग्रता के लिएआयुर्वेद में कौंच को पार्किंसंस जैसे तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्या का इलाज करने के लिए वर्षों से उपयोग किया जा रहा है। यह मनुष्य को दिमागी तौर पर मजबूत बनाता है और मस्तिष्क को तेज बनाता है (3)। जब मनुष्य मानसिक तौर पर स्वस्थ होगा, तो उसकी एकाग्रता क्षमता में भी सुधार हो सकता है।
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