Description
Garbhapal Ras Benefits:-
गर्भपाल रस के फायदे
1-यह योग गर्भस्राव और गर्भपात को रोकता है, गर्भाशय और गर्भस्थ शिशु को बल देता है।
2- जिन स्त्रियों का गर्भाशय शिथिल और कमज़ोर हो गया हो, शरीर में उष्णता बढ़ी हुई हो, पति के वीर्य में विकार हो तो इन निज कारणों से गर्भपात हो जाने की सम्भावना रहती है। पहले 1-2 बार गर्भपात हो चुका हो तो भी गर्भपात होने की सम्भावना रहती है। यदि स्त्री की बीज (डिम्ब) -वाहिनी शक्ति निर्बल हो गई हो या गर्भाशय की विकृति के कारण गर्भ स्थापित न होता हो तो त्रिवंग भस्म एक रत्ती के साथ गर्भपाल रस का सेवन कराने से गर्भ की स्थापना में सहायता मिलती है।
3-गर्भधारण के बाद प्रायः गर्भवती को जी मचलाना, उलटी होना, ऐंठन होना, सिरदर्द, कमरदर्द, आदि की शिकायत होती हैं। प्रवाल भस्म या स्वर्णमाक्षिक भस्म एक रत्ती और गर्भपाल रस की 2 गोली सेवन करने से ये शिकायते दूर हो जाती हैं।
4-गर्भाशय को शक्ति देने, गर्भ की रक्षा करने के अलावा इस योग का सेवन करने से गर्भिणी के अतिसार, ज्वर, प्रदर, श्वास, खांसी, अरुचि, वात प्रकोप और क़ब्ज़ आदि विकार भी दूर होते हैं।
5-गर्भकाल में गर्भवती के सेवन योग्य यह श्रेष्ठ और विश्वसनीय योग है।
Additional information
Weight | 0.250 kg |
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