Dhootapapeshwar Rajahpravartani Vati ( 60 Tab )
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Description
अनियमित मासिक स्राव में रजः प्रवर्तिनी वटी के फायदे
अनेक महिलाएं अनियमित मासिक धर्म की शिकायत करती हैं। मासिक धर्म के समय रक्त के कम स्राव की शिकायत भी की जाती है। ऐसा गर्भाशय के दूषित होने के कारण होता है। कई स्थूल शरीर वाली स्त्रियों के गर्भाशय और डिम्बाशय कठोर हो जाते हैं, जिससे उनको मासिक स्राव कम में होता है। इस स्थिति में उपचार के लिए यह उत्तम औषधि है। महिलाएं मासिक धर्म संबंधी विकार में रजःप्रवर्तिनी वटी करेंगी तो बहुत लाभ मिलेगा।
यह वटी मासिक धर्म की अनयमितता के कारण उत्पन्न होने वाले रोगों को भी तुरंत ठीक कर देती है। इस योग के सेवन से गर्भाशय के दोष दूर होते हैं, और मासिक ऋतु स्राव नियमित समय पर सामान्य मात्रा में होने लगता है।
सुस्ती और थकावट को दूर करने के लिए रजः प्रवर्तिनी वटी का सेवन
कई महिलाओं को मासिक स्राव के समय बहुत अधिक कष्ट होता है। तबीयत में सुस्ती और थकावट बनी रहती है। इस स्थिति को कष्टार्तव या अल्पार्तव कहा जाता है। मासिक धर्म के समय होने वाली शारीरिक थकावट को दूर करने के लिए रजःप्रवर्तिनी वटी का सेवन लाभदायक होता है।
शारीरिक दर्द में रजः प्रवर्तिनी वटी के फायदे
मासिक धर्म रुकने पर महिलाओं को कमर और पेडू में दर्द होता है। हाथ–पैर के तलुओं तथा शरीर में दर्द की शिकायत रहती है। इन रोगों को दूर करने के लिए, और मासिक धर्म को दोबारा सही करने में रजः प्रवर्तिनी वटी बहुत मदद पहुंचाती है।
आंखों की बीमारी में रजः प्रवर्तिनी वटी के फायदे
आंखों के रोग जैसे- आंखों में जलन होने आदि परेशानी में भी रजःप्रवर्तिनी वटी का प्रयोग लाभ पहुंचाता है। बेहतर लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
रजः प्रवर्तिनी वटी की खुराक
आप रजःप्रवर्तिनी वटी का सेवन इतनी मात्रा में कर सकते हैंः-
250 मिली ग्राम,
अनुपान- गर्म पानी, तिल कषाय, कुलत्थ कषाय के साथ।
Additional information
Weight | 0.250 kg |
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